कहावत है की लातों के भुत बातों से नहीं मानते तो कहना गलत नहीं होगा की ये बात पाकिस्तान के लिए बिलकुल दुरुस्त है. पल पल, हर पल पाकिस्तान ऐसे ऐसे कार्यों को अंजाम देता रहा है की अगर उसकी खैर मकदम लातों से किया जाए तो ये पूरी तरह से न्याय संगत होगा. उरी में किया हुआ हमला पाकिस्तान के लिए अपने ताबूत में खुद से ठोकी हुई किल साबित होगी. इस हमले के बात जिस तरह से भारत के लोगो का धैर्य जबाब दे रहा, उससे लग रहा है की वो दिन अब ज्यादा दूर नहीं है जब पाकिस्तान को उसके किये की सजा ना मिले.
अगर पाकिस्तान युद्ध चाहता है तो उसे फिर से युद्ध के मैदान में घसीट घसीट कर मारा जायेगा और उसके आका उसे मार खाते हुए देखेंगे.
पाकिस्तान सीधी पूंछ का वो कुत्ता है जिसे मार देना चाहिए. इंडिया में कहावत है की कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं हो सकती और जिस कुत्ते की पूँछ सीधी हो उसे मार देना चाहिए. क्योकिं सिर्फ पागल कुत्ते की पूँछ ही सीधी होती है. हम चाहे तो पाकिस्तान को कुत्ते को वो पूँछ भी कह सकते हैं, जो कभी सीधी नहीं हो सकती. और इसका हमारे पास प्रयाप्त प्रमाण भी है. चार चार युद्ध में हार जाने के बार भी पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है तो उसे कुत्ते की टेडी पूँछ ही कहना उचित होगा. मगर पाकिस्तान तो वो पागल कुत्ता है जी से मार देना ही मानवता की भलाई के लिए अच्छा होता है….
पाकिस्तान जिस तरह से भीख का कटोरा लेकर सारी दुनिया में भीख माँगता फिरता है और भीख में मिले पैसों से अपना पेट पालने के बजाये आतंकवादी पैदा करता है. जिस देश का जन्म ही आतंक की बुनियाद पर हुआ हो, उससे शांति की उम्मीद कैसे की जा सकती है?


